विशेषज्ञों का कहना है कि लॉकडाउन के दौरान महिलाओं के खिलाफ साइबर अपराध में उल्लेखनीय रूप से वृद्धि हुई है। कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने के लिए 25 मार्च से 14 अप्रैल तक राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन की घोषणा की गई थी, जिसे बाद में बढ़ाकर 3 मई तक कर दिया गया।
राष्ट्रीय महिला आयोग के आंकड़ों के अनुसार, फरवरी और मार्च की तुलना में अप्रैल में साइबर क्राइम की 54 शिकायतें ऑनलाइन दर्ज की गई हैं। डाटा के अनुसार मार्च में 37 और फरवरी में 21 शिकायतें दर्ज की गई हैं। देश में जारी लॉकडाउन की वजह से आयोग ऑनलाइन शिकायतें दर्ज कर रहा है। हालांकि साइबर विशेषज्ञों ने कहा कि यह संख्या सिर्फ हिमखंड के सिरे के बराबर ही है।
आकांक्षा फाउंडेशन की संस्थापक आकांक्षा श्रीवास्तव ने कहा कि हमें 25 मार्च से 25 अप्रैल तक साइबर अपराध की कुल 412 वास्तविक शिकायतें मिली हैं। इनमें से 396 शिकायतें काफी गंभीर हैं। इसमें दुर्व्यवहार, अश्लील प्रदर्शन, अश्लील वीडियो, धमकी, फिरौती की मांग से लेकर ब्लैकमेल घूरना तक बहुत कुछ शामिल है।
दरअसल, यह संगठन साइबर सुरक्षा को लेकर लोगों को जागरुक करने का काम करता है। श्रीवास्तव ने कहा कि उन्हें रोजाना औसतन 20-25 शिकायतें मिल रही हैं, जबकि लॉकडाउन से पहले यह संख्या प्रति दिन 10 से कम थी। इस लिहज से यह एक महत्वपूर्ण वृद्धि है।
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