सरकार मांगें नहीं मानती है तो 16 राज्यों की काट देंगे बिजली, किसान नेता राकेश टिकैत की चेतावनी

किसान नेता राकेश टिकैत ने चेतावनी दी कि अगर केंद्र सरकार किसानों की मांगों को नहीं मानती है तो 16 राज्यों को बिजली काट दी जाएगी। टिकैत की यह चेतावनी शनिवार को राजस्थान के दौसा में एक महापंचायत के लिए...

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Madan Tiwari सुरेश फौजदार, हिन्दुस्तान टाइम्स , भरतपुर
Sun, 28 Mar 2021 12:59 AM

किसान नेता राकेश टिकैत ने चेतावनी दी कि अगर केंद्र सरकार किसानों की मांगों को नहीं मानती है तो 16 राज्यों को बिजली काट दी जाएगी। टिकैत की यह चेतावनी शनिवार को राजस्थान के दौसा में एक महापंचायत के लिए जाते समय भरतपुर में मीडिया से बातचीत के दौरान आई। टिकैत ने कहा, ''केंद्र में कोई सरकार नहीं है और व्यापारी देश पर शासन कर रहे हैं। उन्होंने सभी सरकारी संस्थानों को बेच दिया है और देश के लोगों को सरकार में बैठे ऐसे लोगों को बाहर का रास्ता दिखाने की जरूरत है।''

उन्होंने कहा, ''संसद या विधानसभा में पूर्ण बहुमत मिलने पर कोई भी दल तानाशाह बन जाता है। केंद्र सरकार किसानों की जमीन बेचने की योजना बना रही है, जबकि जनता बेरोजगारी और भुखमरी का सामना कर रही है।'' उन्होंने कहा, ''मुझे लगता है कि किसान आंदोलन पांच से छह महीने तक जारी रहेगा। यह लोकतंत्र के लिए दुर्भाग्यपूर्ण है कि देश में कोई विपक्ष नहीं है। अगर विपक्ष जिंदा होता तो सड़क पर किसानों की हलचल आदर्श रूप से संसद में लड़ी जाती।'' उन्होंने कहा कि हालांकि किसान इन तीन काले कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन जारी रखने को प्रतिबद्ध हैं।

एक दिन पहले, टिकैत ने करनाल जिले के असंध में एक महापंचायत को संबोधित करते हुए कहा था कि लड़ाई केवल किसानों की नहीं है, बल्कि यह गरीब, छोटे व्यापारियों के लिए भी है। उन्होंने कहा कि किसान लंबी लड़ाई के लिए तैयार हैं और यह आंदोलन लंबा चलेगा। हमने नवंबर-दिसंबर तक की तैयारियां की हैं। टिकैत ने दोहराया कि केंद्र को कृषि कानून वापस लेने चाहिए तथा एमएसपी पर कानूनी गारंटी देनी चाहिए। उन्होंने कहा कि नए कृषि कानून किसानों को ही नहीं, बल्कि दूसरे तबकों को भी प्रतिकूल तरह से प्रभावित करेंगे।

'जिस दिन किसान नेता चाहें, समाधान उसी दिन'
वहीं, केन्द्रीय कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने शनिवार को कहा कि कृषि आंदोलन के नेता जिस दिन चाहेंगे कि रास्ता निकालना है, उसी दिन समाधान हो जाएगा। एक सवाल के जवाब में तोमर ने ग्वालियर में मीडिया से बात करते हुए कहा, ''चार महीने से आंदोलन कर रहे किसान नेता जिस दिन चाहेंगे कि रास्ता निकालना है, उसी दिन समाधान हो जाएगा और सरकार भी रास्ता निकाल लेगी।'' उन्होंने कहा कि सरकार बातचीत के लिए तैयार है और समाधान चाहती है। जब उनसे पूछा गया कि असम और बंगाल में भाजपा की स्थिति कैसी है, तो तोमर ने कहा, ''मैं असम में ही चुनाव प्रचार करने गया था और वहीं से सीधे ग्वालियर आ रहा हूं। आज असम और पश्चिम बंगाल में पहले चरण का मतदान हो रहा है। 

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